मेरा यार ,यारो बिल्कुल वैसा है|
सपनो में मैने देखा था जसा है|
रंग रूप उसका और क्या कहना है|
वो तो मेरे जीवन का गहना है| ||धृ||
आज कल मै सोच मी डुबा रहता था|
होगा यार मेरा कैसा यही सोचता था|
उसका हि चेहरा हर चहरमे निहारता था|
हर चेहरे को चाँद से में तौलता था|
चाँद से ही आज कल मुझे रुठे रहना है|
उसका तो हँसना ही बहता हुआ झरना है| ||१||
उसने नजरे उठा के गौर से मुझे देखा है|
मैने भी उसे देख कर सब कूच सोचा है|
वो मेरे दीपककी जलती जोती है|
उससेही रोषण मेरी सुबह श्याम होती है|
बाकी अभी तक उसे यह कहना है|
जीवनभर सितारोकेही संग रहना है| ||२||
Tech. Asst. Electrical Engg.
K.K.Wagh Polytechnic,Second Shift,
Amrut Dham, Panchvati, Nashik-3
Mb.9273357159