सोमवार, २७ फेब्रुवारी, २०१७

गीत-यह दिल जस्ट चोर है

गीत-यह दिल जस्ट चोर है
यह दिल जस्ट चोर है
प्यार मांगे मच मोर है ll धृ ll
जैसे पेड पर हरे पत्ते
और पागलसी बरसात
जैसे आकाशमें तारा
और अंधेरी हो रात
यह दिल नजरे जमाये
बैठा बस तेरी ओर है ll1ll
यह दिल जस्ट,,,,
बहकी हुई है हवा
और तेरा एक इशारा
हर रोज लगे दिवाली
हमसफर प्यार का नारा
हम आज दो है पर
दिलमे नेक्स्ट फोर है ll2ll
यह दिल जस्ट ,,,,,,
सोमनाथ पगार, नाशिक
गीतकार/कवी
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Blog: somnathpagar.blogspot.com
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